
प्रहस्त
Prahasta
(Ramayana character)
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हिंदू महाकाव्य रामायण में, प्रहस्त (संस्कृत: प्रहस्त, आईएएसटी: प्रहस्त, शाब्दिक अर्थ: "जिसके हाथ फैले हुए हैं") एक शक्तिशाली राक्षस योद्धा और रावण का मामा था। वह लंका की रावण की सेना का मुख्य सेनापति था। वह सुमाली और केतुमती का पुत्र था।
अपने अगले जन्म में, प्रहस्त महाभारत में दुर्योधन के विश्वासपात्र सहायक पुरोचन के रूप में पुनर्जन्म लेता है। लक्षागृह घटना का मुख्य जिम्मेदार वह ही था।
विवरण:
- प्रहस्त का नाम: "प्रहस्त" शब्द का अर्थ "जिसके हाथ फैले हुए हैं" होता है। यह उसके बल और शक्ति का प्रतीक है।
- रावण का मामा: प्रहस्त रावण का मामा था, जिसका अर्थ है कि वह रावण की माँ का भाई था।
- लंका सेना का सेनापति: प्रहस्त रावण की सेना का प्रमुख सेनापति था, जिसका अर्थ है कि वह रावण की सेना का नेतृत्व करता था।
- सुमाली और केतुमती का पुत्र: प्रहस्त का जन्म राक्षस राजा सुमाली और उनकी पत्नी केतुमती के घर हुआ था।
- पुरोचन का पुनर्जन्म: रामायण के बाद, प्रहस्त का पुनर्जन्म महाभारत में पुरोचन के रूप में होता है।
- लक्षागृह घटना: पुरोचन दुर्योधन का विश्वासपात्र सहायक था और लक्षागृह घटना का मुख्य जिम्मेदार था, जिसमें पांडवों को जलाकर मारने की कोशिश की गई थी।
निष्कर्ष:
प्रहस्त रामायण का एक महत्वपूर्ण पात्र है जो अपनी शक्ति और वीरता के लिए जाना जाता है। वह रावण की सेना का महत्वपूर्ण हिस्सा था और उसकी हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके पुनर्जन्म के रूप में पुरोचन महाभारत के दौरान एक महत्वपूर्ण पात्र बनता है, जो पांडवों के खिलाफ दुर्योधन की योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
In the Hindu epic, the Ramayana, Prahasta was a powerful rakshasa warrior and the maternal uncle of Ravana. He was the chief commander of Ravana's army of Lanka. He was the son of Sumali and Ketumathi. In his next birth, Prahasta was reborn as Purochana in the Mahabharata as Duryodhana's trusted aide and was the main responsible for the Lakshagraha incident.